Monday, November 26, 2007

Sweets At My Desk

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सुबह उठा , नहाया ..मस्त Deo लगाया...

उसको याद किया और मुस्कुराया...

मुस्कराहट का कारन था , क्या सपना लिया था रात को

मैं कंपनी का CEO और My Dream girl Was My Pmo।



मॅन तो किया सो जाऊ, स्वप्न कि दुनिया में लॉट जाऊँ...

फिर सोचा उसकी झलक पानी हैं office में, कहीं लेट न हो जाऊँ...

Goggles लगाया स्टाइल में, सुट्टा निपटाया,

Bike किया Self start, Accelerater मारा

पहुंचा office...कार्ड Swipe करा..

खोला Pc ...Lotus Notes Top पर mail उसका पाया...

Mailbox देख सन्नाटा छाया ..

उसका mail का Subject हमें ना भाया..

एक बार फिर किया mail का Subject चेक

Oh No ..Not Again..Same Words..."Sweets At My Desk"

डरते डरते खोला mail...अन्दर Wedding Invitation पाया...

लो भैया लुट गयी दुनिया...मंडराया काला साया...

दुखी मन् से सोचा ...चलो एक बार Contents तो पढ़ ले..

नाम क्या है लड़के का...Details से रूबरू तो हो ले...

फिर एक बार मन् चक्कर खाया...उसका नाम कहीं ना पाया..

mail का फिर से ऑडिट किया...दिल को Ncr रिपोर्ट अच्हा आया...

mail के Subject से अच्छी mail कि Body निकली..

जिसकी शादी थी ..वह तो उसकी सिस्टर निकली...

बुझती हुई लो फिर फरफरायी ...

एक उम्मीद जागी..आशा कि एक किरण नज़र आयी.

जोश भरे क़दमों से रुख किया उसके Cubicle कि और...

अब सिर्फ उसकी झलक नहीं ..यह दिल मांगे मोरे..

आज तक Cubicle कि दीवारों से देखा था उसको..

देखते ही उसने बोला ..लो Dear, Sweets लो..

हमने सुना "Dear" , हमने कहा अब नो Fear.

किया झुकी आंखों से उसको Stare, उठाया Sweets का अपना Share..

"Dear" शब्द कितना अच्हा लगने लगा था....

उसके और मेरे बीच का Loc अब मिटने लगा था...

बातों ही बातों में उसको बताया mail पढ़के हुआ Confusion था

Reply जो बताया उसने, फिर से छिरा कारगिल था..

फिर से लो बुझ गयी थी, उम्मीद मिट गयी थी ...

उसकी सगाई कि mail तो एक हफ्ते पहले Bounce Back हो चुकी थी...

माँ कसम एक ही गाना याद आ रह था चम से...

कसम कि कसम , यह प्यार ना होगा अब हमसे...

ओ हसीनो सुन लो मेरी इल्तजा,

Please मत होना हमसे खफा,

कुछ भी हो जाये अब ना होगा Adjust,

अब मत डालना Mail With Subject "Sweets At My Desk"